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Agency | Mar 11, 2021 | Travelling Destinations
 
               
               तमिलनाडु में नेचुरल टयूरिज्म की अच्छी सम्भावना
तमिलनाडु पर्यटन के लिहाज से खुशहाल राज्य है। पर्यटक यहां के पर्वतीय स्थलों पर आना पसंद करते हैं। नीलगिरी में उफटी, कोडईकनाल और कोटागिरी पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य के कारण कापफी लुभाते इन स्थलो का वातावरण भी स्वास्थ्यप्रद है। तमिलनाडु में येरकाअड, येलागिरी, कोली हिल्स और वेलापराई भी सुन्दर पहाड़ी स्थल है। तमिलनाडु की एक लम्बी तट रेखा है जो करीब एक हजार किलोमीटर तक फैली है। इस पर स्थित अनेक समुद्री तट पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इनमें प्रमुख समुद्री तट चेन्नई से पूर्व दिशा में स्थित हैं, जहां सन सैट का नजारा बहुत ही शानदार दिखाई देता है।
इल्लियोर समुद्री तट बसंत नगर में स्थित है, जहां पर नहाने का मजा ही कुछ और है। इसलिये इसे ‘बाथिंग बीच’ भी कहते हैं। कोवेलांग समुद्री तट चेन्नई से 40 किलोमीटर दूर महाबलीपुरम के रास्ते पर एक गांव है, जो कोवेलोंग के नाम से जाना जाता है। यहां पर समुद्री तट दर्शनीय है। महाबरीपुरम का समुद्री तट चेन्नई से 58 किलोमीटर दूर दक्षिण में स्थित है। कन्याकुमारी समुद्री तट पर हिंद महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी का संगम होता है। यह सूर्योदय और पूर्णिमा के चांद के दर्शन के लिए प्रसि( है। बहुरंगी रेत के साथ यहां के समुद्रों और आकाशीय नजारे देखते ही बनते हैं। पुम्पुहर समुद्री तट भी सुन्दर है जो एक बंदरगाह है। रामेश्वर समुद्री तट चेन्नई से 572 किलोमीटर दूर है। चारों ओर समुद्र से घिरे टापू का नैसर्गिक सौंदय मनमोहक है।
यरकौड तमिलनाडु का प्रसिध पर्वतीय पर्यटन स्थल है जो पूर्वी घाट पर सर्वरायन पर्वत श्रृंखला पर स्थित है। प्रकृति को करीब से महसूस करने के इच्छुक लोग यहां आते हैं। यरकौड का सबसे बड़ा आकर्षण यहां की सुरम्य झील है। यहां की ठंडी हवा पर्यटकों को तरोताजा कर देती है। झील के पास ही अन्ना पार्क है जहां की रंग बिरंगी पफुलवारी दर्शकों को आकर्षित करती है। झील के बीच में एक टापू है जहां ओवरब्रिज से जा सकते हैं।
यरकौड से 3 किलोमीटर की दूरी पर किलियुर जल प्रपात है। करीब 300 पफीट उफंचेे प्रयात तक पहुंचने का रास्ता बहुत रोमांचक है। यरकौड के वनस्पति उद्यान में पौधें की अनेक प्रजातियां पाई जाती हैं। यहां कुरिंजी पूफल, जो 12 साल में एक बार खिलता है उसका नमूना भी देखा जा सकता है। यहां पर आर्किड की 100 से ज्यादा वैरायटी भी रखी गई है।
कोडईकनाल हिल रिसाॅर्ट अपनी सुन्दरता और शांत वातावरण से सब को सम्मोहित कर देता है। पाली हिल के बीच स्थित यह स्थान दक्षिण भारत का प्रमुख हिल स्टेशन है। यहां पर विशाल चट्टानें, शांत झील, पूफलों और पफलों के बगीचे तथा हर तरपफ हरे-भरे दृश्य यहां की प्राकृतिक सुन्दरता की कहानी कहते हैं। बेरियम झील पिकनिक स्पाॅट के रूप मंे लोकप्रिय है। मानव निर्मित कोडईकनाल झील भी कापफी प्रसि( है। कोडईकनाल से 8 किलोमीटर दूर स्थित सिल्वर कास्केड जल प्रपात, झील से डेढ़ किलोमीटर दूर बिचरशोला जल प्रपात भी खूबसूरत पिकनिक स्थल है।
उफटी कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमा पर स्थित है। नीलगिरी पहाड़ियों में स्थित यह बेहद सुन्दर पहाड़ी स्थल है। पर्यटकों के प्रमुख आकर्षण यहां के वनस्पति उद्यान की स्थापना वर्ष 1847 में की गई। उद्यान 22 किलोमीटर में पफैला है। पेड-पौधो की 650 से अधिक प्रजातियां देखने को मिलती हैं। दूसरा प्रमुख आकर्षण है उफटी झील जो ढाई किलोमीटर लम्बी है। पर्यटक झील में बोटिंग का आनंद भी ले सकते हैं। उफटी से 13 किलोमीटर दूर कल्हट्टी जल प्रपात है जो 100 फीट उंंचा है।
कुन्नूर खूबसूरत बगीचों के कारण प्रसिद्ध है। यह नीलगिरी पर्वत माला का दूसरा सबसे उंचा हिल स्टेशन है। ट्रेकिंग के लिए भी यह एक आदर्श स्थल है। कुन्नून से पांच किलोमीटर दूर लाॅज फाॅल्स नामक झरना है। कुट्टालय के झरने सभी पर्यटकों के लिये मुख्य आकर्षण का केन्द्र होते हैं। यहां से तीन मुख्य झरनों तक सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां पांच झरनों के पास बना नाव घर, सांप पार्क, एक्वेरियम आदि दर्शनीय हैं। दक्षिण भारत में अपनी तरह का पहला मुदुमलाई वन्यजीव अभ्यारण्य 321 किलोमीटर में पैफला है। इसके पास ही बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान है। इन दोनों उद्योनों को मोयार नदी अलग करती है। तमिलनाडु के पर्वत शिखर, समुद्री तट, घने जंगल, झील-जलाशय, नदी-नाले, जल प्रपात और सुरम्य उद्यान प्रकृति के अद्भूत नजारे देखने का सुअवसर प्रदान करते हैं।