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Agency | Sep 29, 2025 | Company Update
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि अब डीजल में एथेनाॅल की बजाय आइसोब्यूटेनाॅल मिलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि डीजल में एथेनाॅल मिश्रण का प्रयोग सफल नहीं रहा, लेकिन आइसोब्यूटेनाॅल बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। डीजल में एथेनाॅल मिलाने से तकनीकी और इंजन संबंधी समस्याएं आई हैं। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का बड़ा क्रूड ऑयल आयातक है। बायोफ्यूल मिश्रण से विदेशी मुद्रा की बचत होेगी। यह ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में अहम कदम है। गडकरी की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पेट्रोल में एथेनाॅल मिलाने को लेकर बहस जारी है। आलोचकों का कहना है कि यह मिश्रण वाहनों की माइलेज पर नकारात्मक असर डालता है और इंजनों को भी नुकसान पहुँचता है।
… ई20 पेट्रोल और मेरे खिलाफ पेड कैंपेन चलाया गयाःगडकरी …
गडकरी ने कहा, ई20 ईंधन जिसमें 80% पेट्रोल में 20% एथेनाॅल मिलाया जाता है, इसकी सोशल मीडिया पर आलोचना ‘पेट्रोल लाॅबी’ की ओर से प्रायोजित ‘दुष्प्रचार’ है। यह लाॅबी ‘अमीर और मजबूत’ है। उन्होंने कहा, ई20 ईंधन के खिलाफ चलाया गया अभिमान राजनीति से प्रेरित और एक पेड कैंपेन था, जो उनके खिलाफ चलाया जा रहा था। यह लाॅबी सरकार के इस कदम के खिलाफ माहौल बना रही है। गडकरी ने कहा, यह ईंधन सुरक्षित है और नियामकों और ऑटोमोबाइल निर्मिताओं, दोनों की ओर से समर्थित है। इससे इंजन में खराबी आने का आरोप तथ्यहीन और अवैज्ञानिक है। इससे देश के करोड़ों डाॅलर बच रहे हैं।
♦ कुछ एक्सपर्ट ने कहा, अगर गाड़ी में ई20 पेट्रोल को लेकर बदलाव नहीं किए गए तो वाहन में कई समस्याएं आ सकती है।
♦ बिना ई20 के प्रावधान वाली गाड़ियों में ( 2023 से पहले की ज्यादातर गाड़ियों में ) 20% ब्लेंडेड पेट्रोल के इस्तेेमाल से इंजन में जंग लग सकती है। रबर-प्लास्टिक पार्ट खराब हो सकते हैं।
♦ गाड़ी का माइलेज भी घट सकता है, कुछ मामलोें में इंजन फेल होने का रिस्क भी बताया गया है।
… क्या सेफ है ई 20 पेट्रोल?…
भारत में 90,000 ईंधन स्टेशनों पर 20% एथेनाॅल मिश्रित ईधन ( ई20) की उपलब्ध्ता के बीच ऑटोमोबाइल कंपनी महिंद्रा ने गुरूवार को कहा कि यह ईधन इस्तेमाल के लिए सुरक्षित है। हालांकि, इससे गाड़ियों की माइलेज और एक्सेलेरेशन में कमी आ सकती है।
… क्यों चुना गया आइसोब्यूटेनाॅल? …
» आइसोब्यूटेनाॅल की ऊर्जा क्षमता एथेनाॅल से अधिक है।
» यह पानी में कम घुलाता है, इसलिए स्टोेरेज आसान है।
» डीजल में इसे मिलाने पर इंजन की परफाॅर्मेस बेहतर रहती है।
» प्रदूषण भी कम होता है, जिससे ग्रीन एनर्जी मिशन को बढ़ावा।
… क्या किसानों को होेगा फायदा? …
» आइसोब्यूटेनाॅल का उत्पादन भी एथेनाॅल की तरह गन्ना और मक्का जैसी फसलों से होता है।
» किसानों की उपज का इस्तेेमाल बढे़गा। एमएसपी पर खरीद व नई खपत का रास्ता खुलेगा।
» ग्रामीण क्षेत्रों में बायो-फ्यूल आधरित उघोगों का विकास होगा।
… क्या है अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य? …
अमरीका और ब्राजील पहले से ही बायोफ्यूल आधारित मिश्रण में अग्रणी हैं। यूरोप में भी आइसोब्यूटेनाॅल को डीजल और जेट फ्यूल के विकल्प के रूप में अपनाया जा रहा है।
… क्या है चुनौतियां? …
आइसोब्यूटेनाॅल का बडे़ पैमाने पर उत्पादन और सप्लाई चेन तैयार करना बड़ी चुनौती है। रिफाइनरी को नई तकनीक अपनानी होगी। शुरूआत में लागत पारंपरिक डीजल से ज्यादा हो सकती है।