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Agency | Nov 12, 2025 | Health and Fitness
भुजंगासन:

पेट के बल लेटे, हथेलियां सीने के पास रखें। सांस भरते हुए सीना ऊपर उठाएं, गर्दन पीछे की ओर ले जाएं।
लाभः पीठ मजबूत होगी, रीढ़ का लचीलापन बढे़ेगा, बैली फैट घटेगा।
मकरासन:

पेट के बल लेटें, हाथों को मोड़कर ठोड़ी उस पर टिकाएं, पैर थोडे़ खुले रखें। कुछ देर इसी मुद्रा मे बैठें।
लाभः नियमित अभ्यास से तनाव कम होता है, पीठ दर्द में आराम मिलता, मन शांत होता है।
शलभासन:

पेट के बल लेटें, हथेलियां सीने के पास रखें। सांस भरते हुए सीना ऊपर उठाएं, गर्दन पीछे की ओर ले जाएं और शरीर में खिंचाव दें।
लाभः पीठ, पेट, जांघो की मसल्स मजबूत होती हैं।
कपालभाति:

सीध बैठे, गहरी सांस लें और नाक से जोर से सांस बाहर छोडे़ं, पेट को अंदर की ओर खीचें। शुरूआत में 5 मिनट करें, धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।
लाभः फेफडे़ मजबूत होते हैं, पाचन सुधरता है, मानसिक एकाग्रता बढ़ती है।
अनुलोम-विलोम:

दाहिने नथुने को बंद कर बाएं से सांस अंदर लें, फिर बाएं को बंद कर दाहिने से बाहर छोडे़ें। यही प्रक्रिया उलटकर दोहराएं।
लाभः नसों की शुद्धी, तनाव में कमी, ब्लड प्रेशर संतुलित होता है।
भ्रामरी:

कान बंद करें, आंखे मूंद लें। गहरी सांस लेकर ‘भ्रमर’ जैसी गूंजती आवाज करते हुए सांस बाहर छोड़ें।
लाभः मानसिक शांति एंव नींद में सुधार, गुस्सा और तनाव कम करता है।
इन बातों का ध्यान रखें
प्रतिदिन सुबह खाली पेट 15 मिनट प्राणायाम और 15 मिनट योगासन करें।
बीमार व्यक्ति भी योग कर सकते हैं, परंतु डाॅक्टर की सलाह के अनुसार।
व्यायाम के दौरान ध्यान भटकाने वाली चीजों से बचें और केवल सांसो पर ध्यान केंद्रित करें।
अभ्यास के बाद 10 मिनट ध्यान करेें। यह मानसिक शांति के लिए सबसे अच्छा साधन है।